दो बार गलत पेमाइश करके तीन बीघा जमीन में से लगभग आधा जमीन को बनाया बंजारा
तीसरी बार भी खेत की अलग जगह पर ग्रेवल डालकर रोड बनाने की तैयारी बिना मुआवजे के खाते की जमीन पर लगे हरे भरे पेड़ों पर चलाएं कुल्हाड़ी 2019 से अब तक देश का अन्नदाता के लगभग 80 से 90 पेड़ों का कर चुके बलिदान जिला कलेक्टर के पास लगाई गुहार
झालावाड़ हमारे देश की विडंबना यह है कि जो रात और दिन मेहनत कर हमें अन्य देता है वही अपने हक के लिए मारा मारा फिरता है खाने को तो किसानों के हितों के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार नई-नई योजनाओं से किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयत्न कर रही है वहीं कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारी किसानों को अपने पैरो तले रोंधने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां विकास के नाम पर एक गरीब किसान की तीन बीघा जमीन में से आधा बीघा जमीन को लगभग बंजारा बना ही दिया वहीं 5000 स्क्वायर फीट के लगभग की जमीन को बंजारा बनाने की तैयारी है। किसान हरि नारायण पुत्र बसंती लाल पाटीदार निवासी धरोनिया ने ज्ञापन देते हुए बताया कि मेरे खाते की जमीन खसरा नंबर 448 517 जो की धारोलिया गांव में स्थित है वही चवली से लेकर धरोनिया चौकी तक सीसी बायपास रोड का निर्माण करवाया जा रहा है जिसमें 2019 को रोड बनाने के लिए पैमाइश की गई पुष्पक दंडी रोड में कहीं 25 फीट रास्ता है तो कहीं 15 फीट है वह पगडंडी मेरे खाते की जमीन के पास से निकलती है तो उन्होंने 33 फीट रोड बनाना बताए जिसमें मेरे खाते की 10 फीट जमीन भी रोड में आनी बताई इस पर मेरी जमीन पर संतरे के हरे भरे पेड़ लगे हुए थे। गांव के विकास के चलते उसे समय 15 से 20 पेड़ों को काट दिया और उसके बाद वहां पर गिट्टी ग्रेवल फैला दी गई। उसके बाद दूसरी बार दिनांक 7 जुलाई 2020 को मेरी जमीन की फिर से पे मैश की गई और उन्होंने कहा जहां ग्रेवल डाला है वहां रोड नहीं बनेगा सीसी रोड का निर्माण खेत के बीच में से होगा फिर से मेरे 56 हरे-भरे पेड़ों को विकास के नाम पर बाली पर चढ़ा दिया गया उसे पर भी गिट्टी ग्रेवल डाल दी गई वही तीसरी बार 15 मार्च 2024 को पैमाइश करने आए और फिर कहा रोड का निर्माण यहां पर नहीं होगा यह थोड़ा और अंदर की तरफ जाएगा उसे दिन फिर मेरे खाते की जमीन पर निशान लगाकर चले गए उसमें भी 15 से 20 पेड़ फिर से बलि चढ़ा दिए जाएंगे वहीं अधिकारियों की गलती के कारण 30500 स्क्वायर फीट की जमीन ग्रेवल गिट्टी के कारण बिल्कुल बंजर हो चुकी है वही मेरे लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान भी हुआ दो गज दूरी समाचार पत्र के संवाददाता को रोते हुए किसान ने अपनी व्यथा सुनाई उसने कहा कि मेरी आजीविका का साधन मात्र कृषि है ना मुझे मेरे खाते की जमीन का मुआवजा दिया जा रहा है और दिन प्रतिदिन मेरी उपजाऊ जमीन को बंजर बनाया जा रहा है और अगर हम इस बारे में रहते हैं तो हमारे खिलाफ पुलिस कार्यवाही कर गिरफ्तार करवा दिया जाता है हम न्याय के लिए दर-दर भटक लिए पर कोई हमारी सुनने को राजी नहीं मेरे खाते की जमीन को बंजर होने से बचा लो सब नहीं तो हम क्या खायेंगे इसलिए आज जिला कलेक्टर महोदय को ज्ञापन लेकर न्याय की गुहार लगाई थे।