Jhalawar-बारां संसदीय क्षेत्र Vasundhra Raje की लोकप्रियता

Jhalawar-बारां संसदीय क्षेत्र Vasundhra Raje की लोकप्रियता बराबर कायम कांग्रेस का तीस सालो एक बार भी नहीं खुल पाई खाता भाजपा पांचवी बार भी जीत की तैयारी जारी

 झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर भाजपा ने पांचवी बार दुष्यंत सिंह पर अपना भरोसा जताया है। वर्ष 1984 में कांग्रेस ने झालावाड़ बारां सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1989 में वसुंधरा राजे ने इस सीट से अपनी राजनीतिक शुरूआत की। इसके बाद से वो लगातार पांच बार इस सीट से जीती। वहीं लगातार भाजपा ने इस सीट पर 1989 से ही

कब्जा बरकार रखा

र्ष 2003 में Vasundhra Raje के विधायक बनकर राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट पर उनके पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह ने चुनाव लड़ा। इसके बाद से वो इस सीट पर लगातार काबिज है। राजस्थान में बीजेपी ने लोकसभा 2024 के लिए 15 चुन्नीदवारों के नाम की घोषणा की है। इसमें से एक सीट झालावाड़ बारां संसदीय क्षेत्र है। इस सीट पर

बीजेपी के लिए किसी तरह की चिंता नहीं है। क्योंकि बीजेपी का यहां एकछत्र राज है। या यूं कहें कि यहां Vasundhra Raje का एकछत्र दबदबा है। क्योंकि 35 साल से इस सीट पर कोई दूसरा उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर पाया है। 1989 से लेकर 2004 तक वसुंधरा राजे ने इस सीट पर सासंद का चुनाव जीता। वही 2004 के बाद से उनके बेटे दुष्यंत सिंह इस पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं।

Vasundhra Raje और dushyant की जीत

झालावाड़ सीट पर पहली बार Vasundhra Raje ने 1989 में चुनाव लड़ा था। इसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने कभी पलट कर नहीं देखा। इसके बाद राजे ने इस सीट से 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार पांच बार जीत दर्ज की। वहीं 2004 में वसुंधरा राजे ने बेटे दुष्यंत सिंह को झालावाड़ सीट से चुनाव लड़ा। इसके बाद दुष्यंत 2009, 2014 और 2019 में लगातार चार बार जीत हासिल की। अब पांचवी बार 2024 में उनके पास जीत दर्ज कर मां Vasundhra Raje के पांच बार लगातार जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड तोडने का मौका है।

1989 से भाजपा के पास है सीट

झालावाड़-बारां संसदीय सीट से आखिरी बार वर्ष 1984 में कांग्रेस के जुझारसिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद से यह सीट भाजपा के कब्जे में है। लगातार तीस सालों से झालावाड़-बारां नहीं संसदीय सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। यहां हर बार कांग्रेस से चेहरा बदला। लेकिन इसके बाद भी यहां से कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पाई। यहां पिछली बार कांग्रेस प्रत्याक्षी को भाजपा के दुष्यंत सिंह ने करीब चार लाख से अधिक वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। इस तरह इससे पहले भी दुष्यंत सिंह के सामने कांग्रेस प्रत्याक्षियों को करारी हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस के पास स्ट्रेटजी

कांग्रेस 35 साल से झालावाड़ सीट पर स्ट्रेटजी बदल रही है। लेकिन कांग्रेस एक बार भी इस पर सफल नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी नई रणनीति के तहत चुनाव लडने की तैयारी है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रमोद जैन भाया का टिकट कांग्रेस से करीब- करीब फाइनल है। प्रमोद जैन भाया को अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। हालांकि झालावाड़ सीट का इतिहास बदलाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। यहां 17 बार हुए चुनाव में 10 बार राज परिवार के प्रतिनिधि की जीत हुई है।

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