ब्रेन डेड युवक के अंगों से मिलेगा दो को जीवन एक को ज्योति
– किडनी लीवर और आंखें आएंगे दूसरों के काम
-सिर में चोट लगने से हुआ था ब्रेन डेड हुआ था
-परिजनों की सहमति, राजस्थान का तीसरा मामला
– ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जयपुर और जोधपुर भेजे अंग
झालावाड। सिर में गंभीर चोट लगने से एक दिन पूर्व ब्रेन डेड हुए झालावाड जिले के एक युवक के अंग चिकित्सकों ने परिजनों की सहमति के बाद रविवार सुबह सुरक्षित निकालकर कोटा, जयपुर और जोधपुर भिजवाए हैं। ये अंग अन्य रोगियों को प्रत्यारोपित किए जाएंगे। झालावाड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के प्रयास से हुआ ये कार्य Hadoti संभाग का पहला काम है। Jhalawar medical College के एसआरजी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ संजय पोरवाल ने बताया कि जिले के गांव बामनदेवरिया निवासी 39 वर्षीय भूरिया कंजर पुत्र शांति लाल को दो दिन पूर्व छत से गिरने के कारण गंभीर चोट आई थी। जिसके कारण शनिवार को वह ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच गया। उसके दो टेस्ट कराए गए जिसमें उसके ब्रेन डेड होने की पुष्टि हुई लेकिन शरीर के सभी अंग बेहतर काम कर रहे थे। ऐसी हालत में चिकित्सकों ने उसके परिजनों से समझाइश कर उन्हें भूरिया के अंग दान करने के लिए समझाइश की। परिजनों की सहमति के बाद चिकित्सकों की टीम अंगों को सुरक्षित जरूरत मंद रोगी तक पहुंचाने की योजना बनाने में जुट गई। रविवार सुबह चिकित्सकों की टीम ने उसकी किडनी, लीवर और कॉर्निया लेकर एमबीएस अस्पताल कोटा, एम्स जोधपुर, और एसएमएस जयपुर रवाना किए। तेज गति वाले वाहनों में आंगों के साथ दक्ष चिकित्सकां की टीम भेजी गई है।
पुलिस ने दिया ग्रीन कॉरिडोर
भूरिया के आंगों को समय पर सुरक्षित पहुंचाने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ मार्ग में पडने वाले सभी जिलों की पुलिस ने ग्रीन कॉरीडोर उपलब्ध कराया है। इस काम के लिए जिले के 200 पुलिस कर्मी लगाए हैं। साथी मार्ग में पडने वाले जिलों की पुलिस भी इन वाहनों को बिना कहीं रोके ट्राफिक में समय गंवाए गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगी।